गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप लिया था। हिंसा फैलाने के आरोपी किसान नेताओं के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय सख्त रुख अपना लिया है। मंत्रालय ने आरोपी किसान नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस को लुकआउट नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। जिनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी होगा उनके पासपोर्ट भी जब्त होंगे। इधर दिल्ली पुलिस ने 44 आरोपी किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा- मंगलवार को किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैला हुआ है। दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह आरोपी किसान नेताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे।
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के संबंध में पुलिस के साथ समझौते को तोड़ने के लिए राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस राजेवाल सहित 44 किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस भेजे गए हैं। उन्हें 3 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। दिल्ली पुलिस गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंची और राकेश टिकैत के टेंट पर लुकआउट नोटिस चिपकाया।
बता दे पुलिस 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में अब तक 33 प्राथमिकियां दर्ज कर चुकी है। हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत और 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।इनमें से कई की हालत ज्यादा खराब है इन्हें आइसीयू में रखा गया है। हैं। पुलिस के 428 बैरिकेड तोड़े गए थे। इस हिंसा में पीसीआर व जिप्सी समेत पुलिस की 30 गाड़ियों, छह कंटेनरों, दो डोर मेटल डिटेक्टर को भी क्षति पहुंचाई गई थी।
वहीं किसानों का एक समूह लाल किला भी पहुंच गया और वहां गुंबद पर तथा ध्वजारोहण स्तंभ पर झंडे लगा दिए। इस स्तंभ पर केवल राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। ऐसे में लाल किला में उपद्रव के मामले में दर्ज एफआईआर में आर्म्स एक्ट की भी धारा लगाई है। इसके साथ ही Prevention of Damage to Public Property act, The Ancient Mouments and Archaeologicial Sites and Remains Act भी लगाई गई है।