1 फरवरी को बजट पेश होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें किसान आंदोलन का मुद्दा छाया रहा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। सभी बातें जो मानी गई हैं उस पर सरकार कायम है। बातचीत से समाधान निकलेगा।
आमतौर पर इस तरह की सभी बैठकें संसद के सत्र से पहले होती हैं, ताकि दोनों सदनों की कार्यवाही सुगमता से हो सके। इस वर्चुअल बैठक के दौरान, विपक्षी दलों द्वारा किसान आंदोलन पर चर्चा कराने की मांग किए जाने की संभावना है।
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से जो कहा, उसे हम दोहराना चाहते हैं। हमने कहा कि हम आम सहमति तक नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन हम आपको प्रस्ताव दे रहे हैं और आप (किसान) विमर्श कर सकते हैं। मैं सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हूं। सरकार का प्रस्ताव अब भी वही है। कृपया इसे अपने अनुयायियों तक पहुंचाएं। इसका समाधान बातचीत के जरिए ही निकलेगा। हम सभी को राष्ट्र के बारे में सोचना होगा।’
बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य नेता शामिल हुए।
वैसे संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है. 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। जैसा कि माना जा रहा था कि किसान आंदोलन को लेकर बजट सत्र में हंगामा हो सकता है। संसद के कामकाज को ध्यान में रखते हुए, बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी।
बता दे बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को लेकर कई बड़े अर्थशास्त्रियों और विभिन्न सेक्टर्स के एक्सपर्ट्स के साथ बैठक की थी। इस बैठक का आयोजन नीति आयोग ने किया था। बैठक में कोरोना काल में इकोनॉमिक एजेंडा को लेकर चर्चा हुई थी। इस बैठक में मौजूद सभी लोग इस बात पर सहमत हुए कि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे मजबूत रिकवरी की ओर बढ़ रही है।