देश की अर्थव्यवस्था के हिसाब से एक पॉजिटिव खबर सामने आई है। जनवरी में खुदरा महंगाई दर कम होकर 4.06 प्रतिशत पर आ गयी है। यह बीते 16 महीनों का सबसे निचला स्तर है। इसका मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में कमी आना है। शुक्रवार को सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसमें इसकी जानकारी मिली है। इससे केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स के आंकड़े के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के प्रोडक्शन में दिसंबर 2020 में 1.6 फीसदी की वृद्धि हुई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इससे एक माह पहले दिसंबर 2020 में 4.59 प्रतिशत थी। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2019 में औद्योगिक उत्पादन में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
खनन उत्पादन में आलोच्य महीने में 4.8 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि बिजली उत्पादन में दिसंबर 2020 में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन पर काफी असर पड़ा है। मार्च में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 18.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। पिछले साल सितंबर के आंकड़े को यदि देखा जाये तो इसमें 4.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया महंगाई दर 4 फीसदी के दायरे में रखने पर फोकस करता है। इसमें कुछ समय के लिए दो प्रतिशत के दायरे में घट और बढ़ सकता है। पॉलिसी रेट तय करते हुए आरबीआई सबसे ज्यादा महंगाई दर का ही ध्यान रखता है।
भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दर तय करते समय महंगाई दर को ध्यान में रखता है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दर को 2 से 6 फीसद के बीच सीमित रखने का लक्ष्य दिया है।
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