जिन महिलाओं को पुरुषों में कोई दिलचस्पी नहीं है या यह कहें कि जो महिलाएं पुरुषों के प्रति आकर्षित नहीं हैं, वे समलैंगिक हो सकती हैं। ऐसी महिलाएं पुरुषों में नहीं बल्कि महिलाओं में ही दिलचस्पी दिखाती हैं। एक महिला जो समलैंगिक है वह अन्य महिलाओं के प्रति यौन रूप से आकर्षित होती हैं।
महाराष्ट्र के नागपुर में दो लड़कियों की शादी होने वाली है। बीते दिनों ही दोनों ने धूमधाम से सगाई की थी। अब शादी गोवा में होने वाली है। माता-पिता दोनों को उनके रिश्ते के बारे में पता है। समलैंगिकता को समाज में अलग तरह से देखा जाता है, लेकिन इसके बावजूद नागपुर में दो लड़कियों ने साथ रहने का फैसला किया है।
दोनों लड़कियों की सगाई धूमधाम से हुई, उन्होंने इस सगाई का नाम ‘कमिटमेंट रिंग सेरेमनी’ रखा था। लड़कियों के नाम सुरभि मित्रा और पारोमिता मुखर्जी हैं। दोनों की रिंग सेरेमनी नागपुर में हुई क्योंकि डॉ. सुरभि मित्रा नागपुर की रहने वाली हैं।
रिंग सेरेमनी के बाद अब सुरभि और पारोमिता शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। दोनों डेस्टिनेशन वेडिंग करेंगे। इसका आयोजन गोवा में किया जाएगा। रिंग सेरेमनी की तरह दोनों ने अपनी शादी को भी नाम दिया है जो सिविल यूनियन है। दोनों अपनी शादी को लेकर काफी एक्साइटेड हैं और शादी की तैयारियों में लगे हुए हैं।
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ऐसे बताया अपने घरवालों को
इस रिश्ते के बारे में पारोमिता मुखर्जी ने बताया कि उनके पिता को 2013 में पता चला कि वह समलैंगिक हैं। उनके पिता ने उनके साथ सामान्य व्यवहार किया। वो अपने पिता के साथ सहज थी, इसलिए उन्होंने अपने पिता को ही ये बात बताई। उसने कुछ दिन पहले अपनी मां को अपने सेक्शुअल ओरिएंटेशन के बारे में बताया था। जब उन्हें इस बात का पता चला तो वह चौंक गईं। हालांकि परोमिता ने उन्हें समझाया, और वह मान गई। उन्होंने सुरभि के साथ किए गए कमिटमेंट को भी स्वीकार किया।
सुरभि मित्रा ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में अपने माता-पिता को समलैंगिक होने के बारे में बताया था। उनके यौन अभिविन्यास के लिए उनके परिवार से कभी कोई विरोध नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि जब उनके माता-पिता को पता चला तो उन्हें खुशी हुई कि उनकी बेटी ने कुछ नहीं छिपाया। सुरभि ने कहा कि मैं एक मनोचिकित्सक हूं और कई लोग मुझसे दोहरी जिंदगी जीने के लिए बात करते हैं क्योंकि वे अपने लिए स्टैंड नहीं ले सकते। लेकिन मैं एक स्टैंड ले सकती हूं, इसलिए मैंने अपने रिश्ते को खुलकर स्वीकार किया है। सुरभि चाहती हैं कि दूसरे इससे प्रेरणा लें और दोहरी जिंदगी न जिएं।
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